झारखंड के कुछ आदिवासियों को ‘दूर के ढोल सुहावने लग रहे’: ग्लैडसन डुंगडुंग
झारखंड आदिवासी आंदोलन का गढ़ है, जहां आदिवासी पहचान, स्वायतत्ता, जमीन, इलाका और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा हेतु विगत ढ़ाई सौ वर्षों से लगातार संघर्ष चल रहा है. झारखंड में बाबा तिलका मांझी, सिद्धो-कान्हो, चांद-भैरव, फूलो-झानो, बुद्धु भगत, जतरा ताना…