अनुसूचित जनजाति समाज के लोगों ने डिप्टी रेंजर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने भूतकछार सर्किल में पदस्थ डिप्टी रेंजर प्रबल दुबे के खिलाफ एट्रोसिटी की धारा के तहत कार्रवाई करने की मांग को लेकर लोरमी एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है. ऐसा यह पहली बार नहीं जब आदिवासी ग्रामीणों ने किसी अधिकारी के खिआफ़ मोर्चा खोला हो.
अनुसूचित जनजाति समाज के लोगों ने ज्ञापन में कहा है कि भादुराम कोलाम पिता रतिराम कोलाम चचेड़ी गांव का निवासी है जो दैनिक श्रमिक के रूप में खुड़िया वन परिक्षेत्र अंतर्गत जंगल में कार्यरत है. जिनको कुछ दिनों पहले भूतकछार सर्किल के डिप्टी रेंजर ने करीडोंगरी शासकीय आवास में बुलाकर जातिगत गाली गलौज करते हुए धारदार हथियार से जानलेवा हमला किया.
उन्होंने बताया कि इस हमले में बाये हांथ पर चोट के साथ पैकेट में रखे मोबाइल क्षतिग्रस्त हो गया. इस घटना के बीच मौजूद विभाग के अन्य दो-तीन स्टाफ ने बीच बचाव भी किया. इस पूरे मामले को लेकर पीड़ित स्टाफ भादुराम कोलाम ने उक्त घटना की जानकारी देते हुए पुलिस चौकी खुड़िया में इसकी लिखित शिकायत कुछ दिनों पहले ही की थी. जिस पर आज दो सप्ताह बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुआ है.
उन्होंने यह भी बताया कि इसके साथ ही पीड़ित के खिलाफ डिप्टी रेंजर की शिकायत पर धारा 151 के तहत कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर एसडीएम कोर्ट में प्रस्तुत किया गया. जहां उन्हें नियमानुसार जमानत लेना पड़ा. कोई और उपाय न देखते हुए उन्होंने आखिरकार धरना प्रदर्शन का सहारा लिया.
इसके विरोध में अनुसूचित जनजाति समाज के पदाधिकारी समेत अन्य लोगों ने एसडीएम कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा. साथ ही खुड़िया चौकी प्रभारी को तत्काल हटाया जाए हटाए जाने और तत्कालीन डिफ्टी रेंजर के खिलाफ अनुसूचित जनजाति अधिनियम की धारा के अंतर्गत तत्काल कार्रवाई नहीं करने पर 10 दिनों के बाद आगामी लोकसभा निर्वाचन का लोरमी विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 26 में बहिष्कार करते हुए उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.
साथ ही उन्होंने प्रशासन को चेतावनी देते हुए लिखा कि यदि आंदोलन की स्थिति बनती है तो उसकी जवाबदारी प्रशासन की होगी. इस पूरे मामले में लोरमी के एसडीएम गिरधारी लाल यादव ने बताया कि समाज के लोगों ने ज्ञापन सौंपा है. जिसमें जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई करने की बात कही है.
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