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59 गांवों के आदिवासी चुनाव में मतदान का करेंगे बहिष्कार, जानिए क्या है वजह

Posted on April 16, 2024 - 5:39 pm by
59 गांवों के आदिवासी चुनाव में मतदान का करेंगे बहिष्कार, जानिए क्या है वजह

आदिवासियों में लोकसभा चुनाव के पूर्व आंदोलन और विरोध दोनों एक साथ बढ़ने लगे हैं. लोकसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आने लगा है वैसे ही आदिवासी अपने मांगों को लेकर चुनाव बहिष्कार करने की बात करने लगे हैं. चाहे वह विशाखपटनम का अनकापल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र हो जहां अधिकारियों से उनके इलाकों के पास मतदान केंद्र स्थापित करने का कारण हो या अधिकारों को मांग.

लोकतंत्र में आदिवासियों या गरीब तबकों के पास एक ही हथियार होता है जिसके सहारे वो अपना भविष्य तय कर सकते हैं. वह है वोट देने का अधिकार. इसी अधिकार को अपना हथियार बना जबलपुर लोकसभा के आदिवासी विरोध प्रदर्शन में लगे हुए हैं.

अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे आदिवासियों का कहना है कि वह पिछले एक माह से गांव के बाहर बैठकर आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन जिला प्रशासन का कोई भी अधिकारी या जनप्रतिनिधि उनके पास समस्या हल करने नहीं आया. अब आदिवासी ग्रामीणों ने गांव में रैली निलकालते हुए मतदान न करने का फैसला लेते हुए घर घर तक संदेश दें चालू कर दिया है.

आप इसे पढ़ने का संदर्भ ले सकते हैं: Latest Tribal News in Hindi

क्यों लिया यह फैसला

जबलपुर जिला मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर सिहोरा तहसील के प्रतापपुर, मझगवां, सरौली, घुघरा, सहित करीब 59 गांवों के लोग भूमिहीन हो गए हैं. आदिवासी तीन पीढ़ियों से सरकारी जमीन को उपजाऊ बनाकर खेती कर रहे थे. किन्तु आदिवासियों की करीब 700 एकड़ से ज्यादा जमीन जिला प्रशासन ने औद्योगिक क्षेत्र को आवंटित कर दी है.

2008 में जिला प्रशासन ने यह जमीन आदिवासियों से छुड़ाकर उद्योग विभाग को आवंटित कर दी थी. जिसके बाद से यह ग्रामीण लगातार लड़ाई लड़ते आ रहे हैं.आदिवासियों ने इस जमीन को बचाने के लिए मुख्यमंत्री तक को गुहार लगाई, लेकिन उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं हुई. जिसके बाद आदिवासी परिवारों ने चेतावनी देते हुए लोकसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करने का फैसला किया है.

आप इसे पढ़ने का संदर्भ ले सकते हैं: Adivasi Hindi News

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