केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने त्रिपुरा दौरे में कहा कि त्रिपुरा में आदिवासी क्षेत्रों का विकास भाजपा की पहली प्राथमिकता है. इसके साथ ही उन्होंने टिपरा मोथा के साथ हस्ताक्षरित “ऐतिहासिक समझौते” का भी जिक्र किया. जिसमे उनहोंने कहा कि इस समझौते में समुदाय के सभी मुद्दों का ध्यान रखा गया है.
उन्होंने सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे पर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा, समझौते में समुदायों के बीच सद्भाव और राज्य के विकास के उपाय सुनिश्चित किए गए हैं.
कुमारघाट में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, “यह पीएम नरेंद्र मोदी ही थे जिन्होंने महाराजा बीर बिक्रम के नाम पर अगरतला हवाई अड्डे का नाम रखकर और उनकी प्रतिमा स्थापित करके उन्हें उचित सम्मान दिया.”
शाह ने दावा किया कि कांग्रेस और वामपंथियों ने कभी भी आदिवासी समुदाय से किसी को भी सरकार में उच्च पद पर रहने की अनुमति नहीं दी. उन्होंने कहा, “पीएम मोदी ने पहली बार भारत को समुदाय से राष्ट्रपति देकर आदिवासियों का सम्मान किया.”
इसके साथ ही गृह मंत्री ने विपक्षी पार्टी सीपीआई (एम) पर हमला करते हुए दावा किया कि कम्युनिस्टों ने युवाओं को बंदूकें दीं, जबकि पीएम मोदी ने उन्हें लैपटॉप दिए. उन्होंने ब्रू जनजाति का भी उल्लेख किया.
उन्होंने बताया कि 40,000 लोग, जो 1990 के दशक के अंत में जातीय हिंसा के बाद अपनी मातृभूमि मिजोरम से भाग गए थे, वर्षों तक गरीबी में रहने के बाद 2022 में त्रिपुरा में बसाए गए थे. मोदी सरकार के नेतृत्व में, उनके रहने की स्थिति में सुधार के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित गांव स्थापित करने के प्रयास किए गए.
उन्होंने कहा, “यह पीएम मोदी ही हैं जिन्होंने पूर्वोत्तर में 10 से अधिक समझौते किए और 10,000 युवाओं को मुख्यधारा में लौटने का मार्ग प्रशस्त किया.”
केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा की गई विकास पहलों को सूचीबद्ध करते हुए, शाह ने कहा कि यूपीए के 10 वर्षों के शासन के दौरान त्रिपुरा को 40,183 करोड़ रुपये मिले, और पीएम मोदी के कार्यकाल के दौरान 98,000 करोड़ रुपये मिले.
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