चुनाव से पूर्व विपक्षी दलों के नेताओं के घर रेड का सिलसिला शुरू हो गया है. कुछ दिनों पूर्व ही झारखण्ड की कांग्रेस नेता अम्बा प्रसाद के यहां ईडी का छापा पड़ा था. वहीं अब मध्य प्रदेश के आदिवासी विधायक नीलेश उइके के यहां छापा पड़ा है. चुनाव से पूर्व इस तरह के रेड पड़ना यह साफ साफ इशारा कर रहा है कि विपक्ष को तोड़ने की पूरी कोशिस की जा रही है.
क्या है मामला
मध्य प्रदेश पुलिस और राज्य उत्पाद शुल्क कर्मियों की संयुक्त टीम ने छिंदवाड़ा जिले में मौजूदा आदिवासी कांग्रेस विधायक नीलेश उइके के आवास और अन्य परिसरों पर रविवार शाम को छापेमारी की. उनपर नकदी और शराब की जमाखोरी की शिकायत की गयी थी. हालांकि छापे के दौरान पुलिस को कुछ भी नहीं मिला और उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा.
जिसके बाद विपक्षी कांग्रेस ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा. विपक्षी दाल ने इस कार्रवाई को मनमाना कदम बताया और सत्तारूढ़ भाजपा पर सत्ता और प्रशासनिक मशीनरी का दुरुपयोग करके एक आदिवासी जन प्रतिनिधि को परेशान करने का आरोप लगाया.
छिंदवाड़ा के एसपी मनोज खत्री के मुताबिक, शराब और नकदी जमा करने की शिकायत मिलने के बाद पुलिस और आबकारी विभाग के कर्मियों की एक टीम ने रविवार शाम रजोला रैयत गांव में कई जगहों पर तलाशी ली.
वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भाजपा के इस कदम को तानाशाही करार दिया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, पुलिस और आबकारी कर्मियों ने छिंदवाड़ा जिले में एक आदिवासी कांग्रेस विधायक नीलेश उइके के आवास और अन्य परिसरों की तलाशी ली, लेकिन खाली हाथ लौट आए. यह भाजपा द्वारा आदिवासी विधायक का उत्पीड़न है जो उसके तानाशाही रवैये को दर्शाता है.
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