आदिवासी इलाकों में अब भी मूलभूत सुविधाओं में कमी देखी जा सकती है. कई ऐसे आदिवासी बहुल इलाके हैं जहां बिजली, सड़क और खास कर पानी की समस्या है. गोपीकांदर प्रखंड के अन्तर्ग्रत खरौनी बाजार पंचायत के नमोडीह गांव के पहाड़िया टोला में रहने वाले आदिवासी इसी ही समस्या से जूझ रहे हैं. गावं में पीने का पानी की आपूर्ति न हो पाना बहुत बड़ी समस्या बन गयी है.
इस टोला में करीब 20 पहाड़िया परिवार का घर है. टोला में दो सोलर टंकी और दो चापाकल भी है. किसी जमाने में लगाए गए ये सोलर टंकी और चापाकल की हालत ख़राब हो चुकी है. जिसकी वजह से यहां रह रहे पहाड़िया जनजाति के लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों के अनुसार सोलर टंकी और दो चापाकल करीब चार वर्ष से अधिक से ख़राब है.
ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव का एक मात्र सोलर टंकी जो पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ट्विट से बना था वह ही एक मात्र सहारा था. किन्तु वह भी अब करीब 9 महीनों से ख़राब पड़ा हुआ है. ग्रामीणों का कहना है कि एक मात्र सोलर टंकी कि शिकायत दिसम्बर 2023 को जनता दरबार में भी किया गया था. इसके साथ ही उस समय के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी से भी पूर्व मुखिया व सामाजिक कार्यकर्ता दुर्गा देहरी ने भी गुहार लगाया था.
जिसपर उस समय के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी ने कहा कि अभी कल्याण विभाग में फण्ड नही है आने पर कर दिया जायेगा. लेकिन अब तक मरम्मत नही किया गया. इससे ग्रामीणों को दिनचर्या और पीने के पानी के लिय बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया, करीब डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित कुआं और नाला का पानी पीने के लिय ग्रामीण मजबूर है. इससे उनके स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है.
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि, चापाकल एक बार बनाने का प्रयास विभाग के दुवारा किया गया था लेकिन नही बन पाया. जिसके बाद उसके स्थान पर दो सोलर टंकी बनवाया गया था. जिसमें एक का मोटर चोरी हो गया है, दूसरा वाला खराब पड़ा हुआ है. ग्रामीणों ने सरकार,जन प्रतिनिधियो,प्रशासन से जल्द से जल्द सभी ख़राब पड़े सोलर टंकी और चापाकल की मरम्मत करने की मांग की है.
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