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जानिए आदिवासी कलाकार सुखराम पाहन के बारे में जिन्हे संगीत नाटक अकादमी से किया जायेगा सम्मानित

Posted on February 29, 2024 - 1:20 pm by
जानिए आदिवासी कलाकार सुखराम पाहन के बारे में जिन्हे संगीत नाटक अकादमी से किया जायेगा सम्मानित

संगीत नाटक अकादमी ने वर्ष 2022 और 2023 के लिए तीन कैटेगरी अकादमी रत्न, अकादमी पुरस्कार और उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार की दी है. इस बार छह लोगों को अकादमी रत्न, 92 को अकादमी पुरस्कार और 80 को युवा पुरस्कार देने की घोषणा की गई है. देश के विभिन्न राज्यों के कलाकारों को सम्मानित किया जायेगा. इस झारखंड के चंदनकियारी छऊ नृत्य केंद्र के दो कलाकारों साधुचरण महतो को 2022 और परीक्षित महतो को 2023 के लिए अकादमी पुरस्कार देने की घोषणा की गई है.

इसके साथ ही एक और कलाकार को सम्मानित किया जायेगा. जारी किये गए लिस्ट के अनुसार खूंटी के युवा कलाकार सुखराम पाहन को साल 2023 का उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार दिया जाएगा. सुखराम पाहन आदिवासी समुदाय के मुंडा जनजाति से आते हैं. सुखराम पाहन को फोक म्यूजिक कैटेगरी के अंतर्गत मुंडारी नृत्य, गायन और वादन लिए अवॉर्ड मिलेगा.

खूंटी के मुरहू प्रखंड के साइको थाना के कुद्दा गांव निवासी 39 वर्षीय सुखराम पाहन ने कहा उन्होंने रामदयाल मुंडा से मुंडारी नृत्य-गीत सीखा था. उन्होंने बताया कि उन्हें मंगलवार रात संगीत नाटक अकादमी का पुरस्कार दिए जाने की सूचना मिली थी. पाहन ने कहा कि विवाह के दिन पुरस्कार मिलने की बात सुनकर वो बहुत खुश हैं.

सुखराम पाहन के पिता भोला पाहन और मां सोनी पहनाइन गांव में ही रहते हैं. सुखराम पाहन के परिवार में 3 भाई और एक बहन हैं जिनमे से वो सबसे छोटे है. उन्होंने खूंटी में बिरसा कॉलेज से बॉटनी में ऑनर्स किया है. उन्होंने बताया कि बचपन से ही उनकी रुचि कला-संस्कृति में रही है. उनके आइडल पद्मश्री रामदयाल मुंडा हैं, पढ़ाई के दौरान ही उनके ग्रुप से जुड़ गया और देशभर में मुंडा नृत्य, वादन और गायन किया. उन्होंने बताया कि फिलहाल वो अपनी संस्था स्टेप्स के जरिए युवाओं को मुंडारी नृत्य-गीत की ट्रेनिंग दे रहे हैं.

वहीं साधुचरण महतो और परीक्षित महतो को पुरुलिया छऊ में योगदान के लिए पुरस्कृत किया जाएगा, गौरतलब है कि पिछले साल झारखंड को 7 कैटेगरी में अवॉर्ड मिले थे, इस बार झारखंड मूल के दो कलाकार परीक्षित महतो और सुखराम पाहन को अवॉर्ड दिए जाएंगे. साधुचरण महतो पश्चिम बंगाल से संबंध रखते हैं. बोकारो के चंदनकियारी प्रखंड के खेड़ाबेड़ा गांव निवासी 58 वर्षीय परीक्षित महतो 22 सालों से छऊ का प्रशिक्षण दे रहे हैं.

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