राज्यसभा ने मंगलवार को संविधान (ST) आदेश संशोधन विधेयक, 2024 और संविधान (SC और ST) आदेश संशोधन विधेयक, 2024 पारित कर दिया है. संशोधन विधेयक से ओडिशा की अनुसूचित जनजाति सूची में कई नए समुदायों को जोड़ने का रास्ता साफ हो गया है. आंध्र प्रदेश और ओडिशा दोनों राज्यों की एसटी सूचियों में मौजूदा जनजातियों के पर्यायवाची और ध्वन्यात्मक ( उच्चारण के अनुसार) विविधताओं को शामिल करना है.
दोनों विधेयकों को सभी दलों के सांसदों से इस विधेयक को समर्थन मिला. अब इस बिल को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास भेजा जाएगा. राष्ट्रपति के आदेश के बाद, ओडिशा के 62 एसटी समुदायों की सूची में दो नई प्रविष्टियाँ होंगी, जिससे यह बढ़कर 64 हो जाएगी.
चार विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूहों (PVTG) को ओडिशा की एसटी सूची में उन समुदायों के पर्यायवाची के रूप में जोड़ा जाएगा जो पहले से ही सूची में हैं – चार ओडिशा में और तीन आंध्र प्रदेश में – जिनके स्वतंत्र नाम विशेष रूप से एसटी सूची में पहले से ही समुदायों के पर्यायवाची या उप-जनजाति के रूप में जोड़े गए थे.
ओडिशा और आंध्र प्रदेश के विधेयकों पर एक साथ चर्चा का जवाब देते हुए, जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने पिछली गैर-एनडीए सरकारों पर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि पिछली गैर-एनडीए सरकारों ने सबसे कमजोर एसटी तथा पीवीटीजी को केवल नाम के लिए आदिवासी मानती रही. उन्हें एसटी सूची में शामिल करने के बारे में कभी नहीं सोचा.
अर्जुन मुंडा ने दावा किया कि, 75 नामित पीवीटीजी में से कम से कम नौ को उनके संबंधित राज्यों की एसटी सूची में कभी भी स्पष्ट रूप से शामिल नहीं किया गया था. हमारी सरकार है जो इस तरह का कानून ला रही है, और समाज में सबसे पिछड़े समुदायों और लोगों को प्राथमिकता देकर वास्तविक समावेशन के लिए आधार तैयार कर रही है.”
बता दें कि विधेयक पारित होने के बाद ओडिशा में, पीवीटीजी समुदायों में भुइयां जनजाति के पर्यायवाची शब्द के रूप में पौरी भुइयां और पौडी भुइयां शामिल हैं; भुंजिया जनजाति के पर्याय के रूप में चुक्तिया भुंजिया; बोंडो पोराजा जनजाति की एक उप-जनजाति के रूप में बोंडो; और मैनकिडिया, मैनकिर्डिया जनजाति के पर्याय के रूप में शामिल होंगी.
वहीं आंध्र प्रदेश में, पीवीटीजी समुदायों में पोरजा जनजाति के पर्याय के रूप में बोंडो पोरजा और खोंड पोरजा और सावरस जनजाति के पर्याय के रूप में कोंडा सावरस शामिल होंगी.
इसके अलावा, ओडिशा की एसटी सूची में संशोधन करने वाले विधेयक ने दो प्रविष्टियों – तमाडिया और तमुडिया को अनुसूचित जाति सूची से अनुसूचित जनजाति सूची में स्थानांतरित कर दिया है. केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि इस ऐतिहासिक विधेयक के माध्यम से, चार पीवीटीजी और 50 से अधिक उप-जनजातियों को उनके संवैधानिक अधिकार मिलेंगे, जिनसे वे पिछले 75 वर्षों से वंचित थे.
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