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आदिवासी कल्याण के लिए जनजातीय मामलों के मंत्रालय को 13,000 करोड़ रुपये हुए आवंटित.

Posted on February 2, 2024 - 12:19 pm by

वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट 2024-25 में जनजातीय मामलों के मंत्रालय को 13,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो पिछले वित्तीय वर्ष में आवंटन से 70 प्रतिशत की भारी वृद्धि है. जबकि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के लिए ₹14,225 करोड़ अलग रखे गए हैं. जो की आवंटन की तुलना में क्रमशः 38% और 23% है.

सामाजिक न्याय मंत्रालय विमुक्त, अर्ध-घुमंतू और घुमंतू जनजातियों के लिए SEED योजना, नशीली दवाओं की मांग में कमी के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना और असुरक्षित सीवर को समाप्त करने के लिए NAMASTE योजना जैसी प्रमुख योजनाओं के लिए निर्धारित राशि का केवल कुछ प्रतिशत ही खर्च करने में सक्षम था. वहीं जनजातीय मामलों का मंत्रालय एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों की अपनी प्रमुख परियोजना और पीएम आदि आदर्श ग्राम योजना के तहत राज्यों को हस्तांतरण पर खर्च करने में पीछे रह गया है. हालांकि, प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना के लिए आवंटन ₹ 300 करोड़ से बढ़ाकर ₹ 1,000 करोड़ कर दिया गया है.

इसके बावजूद सरकार ने वित्तीय वर्ष के लिए इन योजनाओं पर खर्च को प्राथमिकता दी है. सामाजिक न्याय विभाग ने नमस्ते योजना के तहत आवंटन बढ़ाकर 116.94 करोड़ कर दिया है, भले ही वह इस वित्तीय वर्ष के अनुमान में किए गए 97 करोड़ आवंटन में से केवल *30 करोड़ खर्च कर सका है. इसी तरह, SEED योजना का आवंटन वर्ष के लिए लगभग 40 करोड़ रखा गया है, जबकि विभाग इस पर केवल 15 करोड़ खर्च कर सका है.

जनजातीय मामलों के मंत्रालय के लिए, इस वित्तीय वर्ष के लिए अपने प्रमुख EMRC परियोजना पर ₹5,943 करोड़ के आवंटन में से केवल ₹2,471.81 करोड़ खर्च करने में सक्षम होने के बावजूद, मंत्रालय ने इस परियोजना के लिए अगले वित्तीय वर्ष में खर्च करने के लिए ₹6,399 करोड़ अलग रखे हैं. नवंबर, 2023 में शुरू किए गए विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के लिए लक्षित पीएम-जनमन कार्यक्रम में राज्यों के हस्तांतरण के तहत ₹240 करोड़ का आवंटन देखा गया है.

इसके अलावा, सरकार ने अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए मुफ्त कोचिंग योजना के तहत वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आवंटन में 12 करोड़ से अधिक की कटौती की है. जबकि जनजातीय अनुसंधान संस्थानों को वित्तीय सहायता ₹ 50 करोड़ से बढ़ाकर ₹ 111 करोड़ कर दी गई है. प्रधान मंत्री जनजातीय विकास मिशन के लिए आवंटन – वन उपज स्वयं सहायता समूहों के लिए – वित्त वर्ष 2023-24 के अनुमान की तुलना में 110 करोड़ से अधिक की कमी देखी गई.

हालांकि, ‘एसटी छात्रों की उच्च शिक्षा के लिए राष्ट्रीय फ़ेलोशिप और छात्रवृत्ति’ के लिए बजट आवंटन 2023-24 में ₹ 230 करोड़ से घटाकर 2024-25 में ₹ 165 करोड़ कर दिया गया है.

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