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जानिए आदिवासियों की जनगणना पर लोगों ने क्या कहा

Posted on October 7, 2023 - 2:08 pm by

देश की राजनीती में एक नया मुद्दा सामने निकल कर आ रहा है. जिसको लेकर राजनितिक गलियारें गर्म हो रही हैं. भविष्य में यह विषय राजनितिक मुद्दा बन सकती है या यूँ कहे की बन रही है. देश के कई बड़े नेताओं ने इसपर टिपण्णी भी की है. देश की गलियों से लेकर संसद तक इसके ऊपर चर्चा हो रही है. यह विषय है जातिगत जनगणन की हाल ही में बिहार सरकार ने अपने राज्य में जातिगत जनगणन करवाया है जिसकी रिपोर्ट भी जारी कर दी है.

अब झारखण्ड में भी इसको लेकर खूब चर्चा हो रही है. झारखण्ड के सीएम हेमंत सोरेन ने भी इसको लेकर बयान दिया है. जातीय जनगणना को लेकर सीएम हेमंत सोरेन ने कहा की झारखण्ड में जातीय आधारित जनगणना का प्रयास 2021 से ही किया जा रहा है.साथ ही सीएम ने कहा की उनकी सरकार का मानना है की जो जिस समूह में जितनी संख्या में हैं, उतना अधिकार उनको मिलना चाहिए.
सीएम के बयान को लेकर झारखण्ड में राजनितिक मौहाल गर्म हो चूका है. राजनिक पार्टयों के साथ साथ जनता के बीच भी यह काफी चर्चा का विषय बना हुआ है. झारखण्ड, छत्तीसगढ़,ओडिशा जैसे देश के कई राज्य है जहाँ आदिवासी समुदाय का एक बड़ा तबका रहती है. क्या ऐसे राज्यों में यह जनगणना जरूरी है.

2011 की जनगणना के अनुसार देश में आदिवासियों की जनसँख्या 8.9 प्रतिशत है. और इस नए जातीय आधारित जनगणना का क्या निष्कर्ष निकल कर आता है ये देखना काफी दिलचस्प होगा. जातीय आधारित जनगणना को मद्दे नजर रखते हुए ट्राइबल खबर ने एक सर्वे कराया. सर्वे में पूछा गया की “क्या देशभर में आदिवासियों की जनगणना होनी चाहिए? जिसके जवाब में 94.7 प्रतिशत लोगों ने माना कि देशभर में आदिवासियों की जनगणना होनी चाहिए. वहीँ दूसरी तरफ 5.3 प्रतिशत लोग ऐसे थे जिन्होने कहा आदिवासियों की जनगणना नहीं होनी चाहिए. यह सर्वे ऑनलाइन ट्विटर द्वारा किया गया था.

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