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आदिवासी समुदाय के लिए तीन विधेयक पारित, जानिये अर्जुन मुंडा ने क्या कहा

Posted on February 12, 2024 - 1:36 pm by
किसान आंदोलन पर अर्जुन मुंडा ने क्या कहा

केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरकार जनजातीय समुदायों की सामाजिक-सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए उनके विकास के लिए प्रतिबद्ध है. जनजातीय मामलों के मंत्रालय की ओर से जारी प्रेस रिलीज के माध्यम से उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश और ओडिशा में आदिवासी समुदायों की लंबे समय से लंबित मांगों को पूरा करने के लिए संसद द्वारा तीन विधेयक पारित किए गए हैं.

संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जनजाति आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू की एसटीएस की सूची में ‘पहाड़ी जातीय समूह, पद्दारी जनजाति, कोली और गड्डा ब्राह्मण’ समुदायों को शामिल करने के लिए संसद द्वारा पारित किया गया है.

जम्मू-कश्मीर के संबंध में संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जनजाति आदेश, 1989 में संशोधन करने के लिए विधेयक पारित किया. इससे पहले यह विधेयक छह फरवरी को लोकसभा से पारित हो चुका था.

इससे पहले, आंध्र प्रदेश के संबंध में संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024 और ओडिशा के संबंध में संविधान (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 8 फरवरी 2024 को लोकसभा द्वारा पारित किए गए थे.

बता दें कि केंद्रीय जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में संशोधन विधेयक पेश किया था. यह विधेयक इससे पहले छह फरवरी को राज्यसभा से पारित हुआ था.

केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरकार देश में आदिवासी समुदायों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. इस विधेयक से विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूहों को न्याय मिलेगा.

उन्होंने आगे कहा कि विधेयक के अधिनियम बनने के बाद, जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश और ओडिशा की अनुसूचित जनजातियों की संशोधित सूची में नए सूचीबद्ध समुदायों के सदस्य भी सरकार की मौजूदा योजनाओं के तहत एसटीएस के लिए लाभ प्राप्त कर सकेंगे.

जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा संचालित कुछ प्रमुख योजनाओं में प्री- और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति, राष्ट्रीय प्रवासी छात्रवृत्ति, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त और विकास निगम से रियायती ऋण आदि के अलावा, वे सरकारी नीति के अनुसार सेवाओं और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण के लाभ के भी हकदार होंगे. उन्होंने यह भी कहा कि इससे मौजूदा आरक्षित समुदाय के आरक्षण में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

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