“मैं शासन और प्रशासन से प्रताड़ित हुआ हूं. मेरे जैसा हर तीसरा व्यक्ति प्रताड़ित है. चुनाव लड़ने का मकसद राजनीतिक रोटी सेंकना नहीं है. अगर मुझे राजनीति करनी होती तो मैं बहुत पहले से राजनीति करता. हमारे इलाके में पुलिस नक्सली बताकर मार देती है या फिर नक्सली पुलिस का मुखबिर बताकर मार देते हैं ऐसे में हमें जिंदा रहने के लिए चुनाव लड़ना पड़ रहा है.”
उक्त बातें डॉ प्रकाश कुमार गोटा ने ट्राइबल खबर को दिए गए इंटरव्यू में कही. बस्तर लोकसभा सीट से अपना भाग्य आजमाने चुनावी मैदान में उतरे डॉक्टर प्रकाश कुमार गोटा युवा होने के साथ साथ स्थानीय आदिवासी भी हैं. बीजेपी से बस्तर में लोकसभा चुनाव लड़ रहे महेश कश्यप पर निशाना साधते हुए कहा, ‘महेश कश्यप सिर्फ मोदी के चेहरे के डीएम पर चुनाव लड़ रहे हैं, उनका कोई अपना वजूद नहीं है.’
उन्होंने न सिर्फ बीजेपी पर बल्कि कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि, कांग्रेस के तरफ से इस बार कवासी लखमा को टिकट दिया गया है, हालांकि कांग्रेस में और भी कई अच्छे लीडर हैं. कवासी लखमा को टिकट देना समझ के परे है, कवासी लखमा सिर्फ पैसे के दम पर चुनाव लड़ रहे हैं.
प्रकाश कुमार गोटा का कहना है कि बस्तर में शासन और प्रशासन दोनो ने उनका उत्पीड़न किया है. नक्सलियों ने भी उनके परिवार के लोगों की हत्या की है. इन दोनों कारणों को लेकर वो इस बार चुनावी मैदान में कूदे हैं. उन्होंने कहा चुनाव में उतरने के पीछे आदिवासियों का कल्याण करना है. अब बस्तर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी के साथ अन्य आदिवासी प्रत्याशियों के बीच मुकाबला होगा.
मेडिकल की पढ़ाई पूरी कर चुके निर्दलीय उम्मीदवार प्रकाश कुमार गोटा ने बस्तर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का फैसला किया है. उन्होंने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है और बस्तर लोकसभा सीट में चुनाव प्रचार भी कर रहे हैं. गोटा मुख्य रूप से बस्तर के बीजापुर इलाके के रहने वाले हैं. उन्होंने कहा बस्तर में दोनों पार्टियों की सरकारें रहीं हैं किन्तु जितनी भी आदिवासी विकास की योजनाएं आयीं वो सिर्फ कागज में ही सफल रहीं. जमीनी स्तर पर कोई भी काम ठीक से नहीं किया गया.
निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे प्रकाश कुमार गोटा बताया कि, उनके पिता की हत्या नक्सलियों ने कर दी थी. पूर्व में उनके दादा का भी हत्या माओवादियों ने की थी. वहीं उनके भाई की भी हत्या का प्रयास किया गया, हालांकि उनके भाई बच गए पर कोमा में है. प्रकाश गोटा ने कहा, नक्सल समस्या के चलते बस्तर का विकास रुक गया है. बस्तर का विकास तभी होगा जब शासन और प्रशासन नक्सलियों से बातचीत करेगी.
डॉ प्रकाश गोटा ने कहा, “मैं चाहता हूं नक्सल हिंसा खत्म हो. जबतक गंभीर रुप से बातचीत नहीं होगी इस समस्या का समाधान नहीं निकलेगा. जिस समस्या से मैं गुजर चूका हूं, नहीं चाहता हूं कि कोई और भी उस दौर से गुजरे. मै परिस्थितियों का शिकार होकर चुनाव मैदान में उतरा हूं”.
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