समुदाय के लिए लाभ प्राप्त करने से इस्लाम या ईसाई जैसे अन्य धर्मों में परिवर्तित होने वाले आदिवासियों को सूची से बाहर करने की मांग को लेकर 27 मई को अहमदाबाद रिवरफ्रंट पर एक रैली का आयोजन करेगी. इस रैली का आयोजन जनजाति सुरक्षा मंच नामक आदिवासी संगठन के द्वारा किया जाएगा.
एक बयान में जनजाति सुरक्षा मंच ने कहा कि विभिन्न आदिवासी 2006 से देश भर में आंदोलन कर रहे हैं. जिसमें इस्लाम या ईसाई धर्म में परिवर्तित होने वालों को विशिष्ट लाभ प्राप्त करने से रोकने की मांग कर रहे हैं. मंच का दावा है कि धर्मांतरित लोगों को दोहरा लाभ मिल रहा है – आदिवासी और अल्पसंख्यक के रूप में.
कहा जा रहा है कि देश भर में डी-लिस्टिंग रैलियों का आयोजन किया जा रहा है. इसी तरह की रैली 27 मई को अहमदाबाद शहर में किया जाएगा. इस सिंह गर्जाना ‘डी-लिस्टिंग महा रैली’ को मध्य प्रदेश के जिला न्यायाधीश प्रकाश उइके द्वारा संबोधित किया जाएगा.
बयान के अनुसार, पूरे गुजरात से हजारों आदिवासियों के मार्च में शामिल होने की संभावना है.
इस बीच अनुसुचित जाति बचाओ मंच (AJBM) के दलितों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को अहमदाबाद कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें इस्लाम या ईसाई धर्म अपनाने वाले दलितों को अनुसूचित जाति आरक्षण का लाभ देने के किसी भी कदम का विरोध किया गया.
AJBM ने कहा कि अगर दलितों को इस्लाम या ईसाई धर्म में परिवर्तित कर आरक्षण का लाभ दिया जाता है, तो यह दलितों की आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को खतरे में डाल देगा.
ट्वीटर पर साध्वी प्राची ने 21 मई को गुजरात में होने वाले रैली के संबंध में बयान दिया था कि धर्म बदलने वाले अनुसूचित जनजाति के विशेष लाभ नहीं मिलने चाहिए.
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