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जनजातियां जो दुर्गा की नहीं, महिषासुर की करते हैं पूजा

Posted on October 21, 2023 - 11:32 am by

दुर्गा पूजा को लेकर देश में तैयारियां पूरी हो चुकी है. यह त्यौहार मां दुर्गा के दानव महिषासुर के ऊपर विजय के सम्मान में मनाया जाता है. वैसे तो यह त्यौहार पश्चिम बंगाल में मनाया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण 10 दिनों का पर्व है. किन्तु पुरे देश में इस धूम धाम से मनाया जाता है. पूजा को लेकर पंडालों को सजा दिया गया है. साथ ही अलग अलग राज्यों के प्रसाशन ने पूजा को लेकर व्यवस्थाएं भी की है.

कहा जाता है की देवी दुर्गा ने इस दौरान महिषासुर नाम के दानव के साथ पुरे 9 दिनों तक युद्ध किया था. अंत में उसका संहार कर मानवता को बचाया था. तब से लेकर अब तक देवी की पूजा प्रत्येक वर्ष किया जाता है. पर अगर कहा जाए की भारत में ही कुछ ऐसी जगहें है और कुछ समुदाय भी हैं, जो इस दिन महिषासुर शहादत दिवस के रूप में मनाते हैं. इसके अलावा यह जनजाति समुदाय महिषासुर की पूजा भी करते हैं.

कब यह मामला चर्चा में आया

साल 2016 में मंत्री स्मृति ईरानी ने पार्लियामेंट में विवाद उत्पन्न हुवा था. जिसमें कथित तौर पर जवाहरलाल नेहरू विश्विद्यालय में महिषासुर शहादत दिवस मनाने को लेकर विवादास्पद टिप्पणियाँ की थी. जेएनयू के “एससी, एसटी और अल्पसंख्यक छात्रों” द्वारा छपवाए गए पर्चे में महिषासुर को राजा और पूर्वज के रूप में प्रतिष्ठित किया गया था.
जेनयू में दलित राजनीति के अलावा, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड सहित कम से कम पांच राज्यों में फैले आदिवासी समुदाय महिषासुर को एक महान राजा के रूप में पूजते हैं. वहीं असुर जनजाति मानते हैं कि वे उनके वंशज हैं.

कहां होती है महिषासुर की पूजा

खाश कर पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिला के काशीपुर गाँव महिषासुर की पूजा की जाती है. दुर्गा पूजा के नवमी को शहादत दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन यहाँ बड़े तौर पर मेले का आयोजन भी किया जाता है. बता दें की वहां के संथाल जनजाति महिषासुर को एक महँ राजा के रूप में पूजती है. इसके अलावा झरकहण्ड की असुर जनजाति का मानना ​​है कि वे ‘हुदुर-दुर्गा’ के वंशज हैं. ‘हुदुर-दुर्गा’ महिषासुर का ही संथाली नाम है. असुर जनजाति झारखण्ड के गुमला,लातेहार, लोहरदगा और पलामू जिले में ज्यादा संख्या में पाए जाते है. हालाँकि झारखण्ड के असुर जनजाति ने अभी तक महिषासुर की प्रतिमा स्थापित कर पूजा का आयोजन सार्वजनिक तौर पर नहीं की है. बंगाल और झारखण्ड के अलावा कोरु जनजाति जो की मध्यप्रदेश में रहती है. ये जनजाति भी महिषासुर की पूजा करती है.

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