आगामी विधान सभा चुनाव की घोषणा के साथ ही सभी राजनितिक सक्रिय हो गयी हैं. राजनितिक पार्टियां जनता को रुझाने के लिए तरह- तरह की रणनीतियां भी बना रही है.
बता दें की पांच राज्यों की विधानसभा चुनावों की तारीख की घोषणा कर दी गयी है. पांच राज्यों में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना की तारीख जारी के बाद पार्टियों में आरोप प्रत्यारोप खुल के किया जा रहा है. इन राज्यों में चुनाव का मौहाल काफी दिलचस्प दिखाई दे रहा है. कारन की ये आदिवासी बहुल राज्य है. यही कारण है की सभी पॉलिटिकल पार्टियां इस बार आदिवासी को मुद्दा बना रहे हैं. बता दें की इन राज्यों के चुनाव में एक-चौथाई सीटों पर आदिवासी अहम फैक्टर हैं. जिसकी वजह से राजनितिक पार्टियां आदिवासी मुद्दों को रैलियों में बखूबी भुनाने की कोशिश में लगे हुए हैं.
हाल ही में मध्य प्रदेश विधानसभा की मंडला में चुनावी रैली के दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा की भाजपा सरकार आदिवासियों के प्रति असंवेदनशील है. प्रियंका गाँधी के बयान के बाद विपक्षी दलों में हलचल मच गयी है. विपक्षी दलों ने इस आरोप को सिरे से ख़ारिज किया है.
प्रियंका गाँधी के बयान को मद्दे नजर रखते हुए ट्राइबल खबर ने एक सर्वे कराया. सर्वे में पूछा गया की “आदिवासियों की चिंता किस पार्टी को ज्यादा है? जिसके जवाब में 81.2 प्रतिशत लोगों ने माना कि देशभर में आदिवासियों की चिंता कांग्रेस को ज्यादा है. वहीँ दूसरी तरफ 6.7 प्रतिशत लोग ऐसे थे जिन्होने कहा बीजेपी को आदिवासियों की चिंता है . 12 प्रतिशत लोगों ने अन्य पार्टियों को वोट किया. यह सर्वे ऑनलाइन ट्विटर द्वारा किया गया था.
बता दें की पांच राज्यों में सबसे पहले छत्तीसगढ़ और मिजोरम में होगा. हलाकि छत्तीसगढ़ में चुनाव दो चरणों में होगी. चुनावी घोषणा के बाद बीजेपी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है.
वहीँ विपक्षी दल ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में जीत सुनिश्चित करने के लिए पुराने नेताओं पर अपनी उम्मीद लगते हुए 11 मौजूदा विधायकों को टिकट दिया है.
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