झाबुआ जिला प्रशासन द्वारा मतदाता जागरूकता के लिए मतदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रचार-प्रसार हेतु हाल ही में एक पोस्टर का विमोचन किया. पोस्टर विमोचन के बाद इसको लेकर अंचल में सक्रिय आदिवासी सामाजिक संगठन भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा ने आपत्ति जताई है. संगठन ने एसडीएम कार्यालय पेटलावद में आपत्ति दर्ज करवाई.
मामले में भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा यूनिट मप्र के प्रदेश संयोजक धर्मेंद्र डामोर ने बताया कि लोकसभा निर्वाचन की आदर्श आचरण संहिता का हम सामाजिक संगठन के समस्त पदाधिकारी कार्यकर्ता और सदस्य सम्मान और पालन करते हैं. लेकिन विमोचित की गई पोस्टर प्रचार सामग्री में चुनावी काका के नाम से चित्रांकित किया गया. चित्र भील समुदाय के लोग धर्म संस्कृति के आराध्य देव मुकुटधारी बाबा बुड़वा-मोटाणी बड़ादेव का है.
उन्होंने कहा, चुनावी काकी के नाम से निर्मित प्रचारित चित्र भीली संस्कृति के पहनावे के अंतर्गत भीली महिला का चित्र है. साथ ही जंगली जानवरों के मुंह सहित जानवरों के अंगों का समावेश पोस्टर के चित्रों में किया गया है. यह भील समुदाय की महान लोक संस्कृति का घोर अपमान है.
वहीं मामले में भील प्रदेश मोर्चा के पदाधिकारियों ने बताया कि इस कृत्य में किसी गैर आदिवासी अधिकारी, कर्मचारी की आदिवासी और भीली संस्कृति के विरुद्ध पूर्वाग्रह से पीड़ित मानसिकता परिलक्षित होती है. उन्होंने आगे कहा, आदिवासी वर्ग सहित भील समुदाय इस पोस्टर से आहत है और अपमानित महसूस कर रहा है.
उन्होंने कहा, चित्र को डिजाइन करने में शामिल व्यक्ति, अधिकारी-कर्मचारी पर अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत एट्रोसिटी एक्ट का मुकदमा दायर किया जाए. इस मामले में कलेक्टर नेहा मीना से मुलाकात कर उन्होंने ज्ञापन भी सौंपा.
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