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गांधी के दांडी यात्रा के तर्ज पर 7 अप्रैल को पश्मीना मार्च, जानिए पीछे की वजह

Posted on March 30, 2024 - 10:55 am by
गांधी के दांडी यात्रा के तर्ज पर 7 अप्रैल को पश्मीना मार्च, जानिए पीछे की वजह

प्रसिद्ध पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक ने लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने के लिए आंदोलन को तेज करने का संकल्प लिया है. उन्होंने हाल ही में लेह में 21 दिन का उपवास समाप्त किया था. जिसके बाद लेह में महिलाओं ने मोर्चा संभालते हुए भूख हड़ताल शुरू कर दिया था. चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच, सोनम वांगचुक ने इस मुद्दे को आगे बढ़ाने में गांधीवादी सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता पर जोर दिया.

वांगचुक ने महात्मा गांधी से प्रेरित शांतिपूर्ण दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए, लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की स्थिति के लिए संघर्ष तेज करने की योजना की घोषणा की. उन्होंने इस प्रयास के तहत 7 अप्रैल को लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में एक आगामी रैली की रूपरेखा तैयार की, जिसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण की वकालत करते हुए इस उद्देश्य के लिए व्यापक समर्थन जुटाना है.

उन्होंने कहा, जिस प्रकार गांधी जी ने ब्रिटिशों के विरुद्ध शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन किया था उसी प्रकार आगामी 7 अप्रैल को सीमावर्ती क्षेत्रों में पश्मीना मार्च निकला जायेगा. उन्होंने कहा, 2019 के लोकसभा चुनावों में, उन्होंने (केंद्र) वादा किया था कि लद्दाख को छठी अनुसूची के तहत सुरक्षित किया जाएगा. उसके बाद वे चुप हो गए. लद्दाख में न ही इलेक्टेड गवर्नमेंट है न ही कोई असेंबली, कई सालों से लद्दाख बस नौकरशाहों के भरोसे चल रहा है.

उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा इन मांगों को अस्वीकार करने की आलोचना की और सरकार से अपनी प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने का आग्रह किया है. चल रहे विरोध प्रदर्शनों के अलावा, वांगचुक ने लद्दाख की राज्य की आकांक्षाओं की तात्कालिकता को रेखांकित करने के लिए धार्मिक नेताओं और बुजुर्गों सहित विभिन्न हितधारकों को शामिल करते हुए भूख हड़ताल की एक श्रृंखला की योजना की रूपरेखा तैयार की.

7 अप्रैल को चांगथांग तक एक नियोजित मार्च का उद्देश्य अधूरे वादों और राजनीतिक प्रतिनिधित्व पर बढ़ते असंतोष के बीच, लद्दाख के निवासियों द्वारा सामना की जाने वाली जमीनी हकीकत पर प्रकाश डालना है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, हम यहां पश्मीना मार्च करते हैं, आप अपने क्षेत्रों में ‘विकास के नाम पर विनाश’ दिखाने के लिए अपना खुद का मार्च कर सकते हैं.

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