जम्मू-कश्मीर: लोकसभा चुनाव को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आदिवासी समुदाय के लोग चुनाव के दौरान उनकी पार्टी का समर्थन करेंगे. दक्षिण कश्मीर के बिजबेहरा इलाके में प्रेस कॉन्फ्रेंस में महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि आदिवासी समुदायों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि ऐसी भावना है कि उनकी अपनी कोई आवाज नहीं है और उन्हें अनसुना कर दिया जाता है.
बता दें कि महबूबा मुफ्ती अन्नतनाग-राजौरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहीं हैं. इस दौरान उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि ये लोग मेरी आवाज का सम्मान करेंगे और उसे मजबूत करेंगे.” प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया कि वह अपने पिता और पीडीपी के संस्थापक मुफ्ती मोहम्मद सईद की कब्र पर फातेहा चढ़ाने के लिए बिजबेहारा गईं थीं.
उन्होंने कुछ दिनों पहले हुई घटना का जिक्र करते हुए कहा, अभी दो दिन पहले जम्मू के जानीपुर इलाके में कुछ गुंडों ने एक आदिवासी लड़की के साथ मारपीट करने की कोशिश की और जब उसके परिवार के सदस्यों ने उसे बचाने की कोशिश की, तो उनके साथ भी मारपीट की गई. पुलिस एफआईआर दर्ज करने के बजाय जवाबी एफआईआर दर्ज करना चाहती थी. उन्होंने कहा कि उन्होंने बार-बार ऐसे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई है.
जम्मू-कश्मीर में सत्ता परिवर्तन के बाद की राजनीतिक स्थिति का जिक्र करते हुए मुफ्ती ने कहा कि 2019 के बाद अगर किसी राजनीतिक को निशाना बनाया गया तो वह पीडीपी थी, क्योंकि उसने मौजूदा सरकार के अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई थी. उन्होंने आरोप लगाया कि “उनकी पार्टी को तोड़ने का प्रयास किया गया.
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, मेरी पार्टी के कई नेताओं को दूसरी पार्टियों में जाने के लिए मजबूर किया गया. उन्होंने कहा कि अब उन्हें लगता है कि अगर उनकी आवाज संसद तक पहुंचती है तो यह जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों की सच्ची आवाज का प्रतिनिधित्व करेगी. महबूबा ने कहा, “वे उन्हें संसद से बाहर रखने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं.” बता दें कि अनंतनाग और राजौरी सीट पर 7 मई को मतदान तय किया गया है
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