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आदिवासी महिला जो समाज के खिलाफ जाकर बनीं फुटबॉलर और अब कोच, जानिए कौन हैं भबानी मुंडा

Posted on April 3, 2024 - 5:27 pm by
आदिवासी महिला जो समाज के खिलाफ जाकर बनीं फुटबॉलर और अब कोच, जानिए कौन हैं भबानी मुंडा

सपनों को पूरा करने के उम्र की कोई सीमा नहीं होती. बस चाहिए तो थड़ी सी हिम्मत और एक जोरदार किक जो सपनों और आपके बीच आने वाले मुश्किल से मुश्किल दिवार को गिरा दे. एक ऐसा ही जोरदार किक बंगाल की जलपाईगुड़ी की रहने वाली आदिवासी महिला भबानी मुंडा ने लगाया है.

अपने इस जोरदार किक से न सिर्फ अपने सपनों के लिए रास्ता बनाया बल्कि पितृसत्ता/पुरुषप्रधान की बेड़ियों को भी तोड़ा. उन्होंने न सिर्फ अपने सपनों की उड़ान भरी बल्कि अपने आदिवासी समुदाय की महिलाओं के लिए भी सपने देखने का रास्ता खोला.

32 वर्षीय भबानी मुंडा एक जानीमानी फुटबॉल प्लेयर हैं. बांग्ला रत्न अवार्ड से सम्मानित भबानी मुंडा अभी डोअर्स XI की कोच हैं. भले ही आज वो कोच हैं पर कभी भबानी चाय की दुकान पर काम किया करती थीं. अपने फुटबॉल और घर की तंगी की वजह से वो रोज सुबह 3 बजे उठा करती थीं.तमाम मुश्किलों और चुनौतियों का सामना करने के बाद उन्होंने अपने सपनों को पूरा कर ही लिया.

कौन हैं जलपाईगुड़ी फुटबॉल खिलाड़ी ‘भबानी मुंडा’

बचपन से ही भबानी का सपना एक फुटबॉलर बनने ककी थी. सात साल की उम्र में ही उन्हें फुटबॉल से प्यार हो गया लेकिन यह उसके लिए कभी भी आसान नहीं था. उस वक्त और आदिवासी समाज से आने के कारण उनपर शॉर्ट्स पहनने या फुटबॉल खेलने से प्रतिबंधित कर दिया गया था

बाधाओं के बावजूद, मुंडा में उस पितृसत्तात्मक नज़र से पार पाने का साहस था, हालांकि समाज उन्हें शॉर्ट्स पहनकर चलने और खेल खेलने पर हीन भरी नजरों से देखती थी. भबानी अक्सर नंगे पैर अभ्यास करती थीं उसने सभी बाधाओं को तोड़ा, पूरी प्रतिभा के साथ खेली और बाद में डुअर्स एक्स का गठन किया.

भबानी अब एक सामुदायिक नेता हैं और अपने समुदाय में पीड़ितों के लिए काम करती हैं. वैश्विक प्रसिद्धि के बावजूद, वह हर दूसरी लड़की को प्रोत्साहित करने के लिए अपने लोगों के साथ रहती है जो खुद को शॉर्ट्स पहनकर उस लक्ष्य को हासिल करते हुए देखती है. उन्होंने सभी आदिवासी लड़कियों को मिलाकर अपनी टीम बनाई, जिसे डोर्स इलेवन कहा जाता था, जो बाद में प्रमुख टूर्नामेंटों में खेली और यहां तक ​​​​कि घरेलू ट्रॉफियां भी लाईं हैं.

उनका दृष्टिकोण फुटबॉल के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाना, स्वास्थ्य और फिटनेस को बढ़ावा देना और उन्हें अपने जीवन पर नियंत्रण रखने में सक्षम बनाना.

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