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अप्रत्यक्ष रूप से कौन आदिवासी कर रहा BJP की मदद, जानिए पूरा मामला

Posted on April 9, 2024 - 4:17 pm by
अप्रत्यक्ष रूप से कौन आदिवासी कर रहा BJP की मदद, जानिए पूरा मामला

 

आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता सी.के जानू लोकसभा चुनाव को लेकर अपना बयान दिया है. उन्होंने बताया कि वायनाड में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए उम्मीदवार के लिए सक्रिय रूप से प्रचार नहीं कर रहे हैं. भाजपा ने वायनाड से राहुल गांधी (कांग्रेस) और एनी राजा (सीपीआई) के खिलाफ राज्य प्रमुख के सुरेंद्रन को मैदान में उतारा है.

 

लोकसभा चुनाव के लिए सक्रिय रूप से प्रचार न करने के पीछे उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला दिया है. पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, “मेरी जनाधिपतिया राष्ट्रीय पार्टी (जेआरपी) भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा बनी हुई है. लेकिन अगर आप मुझसे पूछें कि क्या मैं एनडीए उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर रहा हूं, तो जवाब ‘हां’ है, लेकिन सक्रिय रूप से नहीं.

 

उन्होंने आगे कहा, “मुझे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं जिसकी वजह से मैं पूरी सक्रिय रूप से चुनाव प्रचार नहीं कर रही”. बता दें कि 2003 में आदिवासियों के भूमि अधिकारों के समर्थन में सी.के जानू ने मुथंगा आंदोलन का नेतृत्व किया था. मुथंगा आंदोलन के बाद वो काफी सुर्ख़ियों में आ गयी थी.

 

हालांकि भाजपा के साथ गठबंधन करने के लिए कई लोगों ने सी. के जानू की आलोचना की थी. हाल ही में दिवंगत मुख्यमंत्री के करुणाकरण की बेटी पद्मजा वेणुगोपाल और पूर्व मुख्यमंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी भाजपा में शामिल हुए. जब ये नेता बीजेपी में शामिल हुए तो ज्यादा हंगामा नहीं हुआ. लेकिन जब सी.के का संगठन एनडीए में शामिल होता है तो इसे “आदिवासियों के साथ विश्वासघात” के रूप में देखा जाता है.

 

हाल ही में एउन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था, “मुझे कोई अपेक्षा नहीं थी. अब तक, मुझे एहसास हुआ है कि कोई भी राजनीतिक दल नहीं चाहता कि दलित और आदिवासी किसी भी राजनीतिक आंदोलन का हिस्सा बनें.”

 

इसके साथ ही उन्होंने कहा, आजादी के बाद से, इस देश में हमारे लिए कुछ भी नहीं बदला है. उन्होंने दावा किया कि, ”मानवाधिकारों के उल्लंघन और दलितों और आदिवासियों के उत्पीड़न के लिए कुख्यात केरल में गुलामी विभिन्न रूपों में मौजूद है.”

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