लोकसभा चुनाव को लेकर चुनावी भाजपा के वरिष्ठ नेता बिप्लब कुमार देब ने सीपीआई (एम) पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि टिपरा मोथा जैसे आदिवासी संगठनों का गठन भाजपा को हराने के लिए नहीं बल्कि सीपीआई (एम) को ‘उखाड़ने’ के लिए किया गया था. उकत बातें बिप्लब कुमार देब ने बगमा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा.
उन्होंने कहा कि आदिवासी वामपंथ की ‘पकड़’ से बाहर आ गए हैं जिन्होंने उनकी आकांक्षाओं को नजरअंदाज किया. देब ने कहा, “एक समय था जब कम्युनिस्ट गर्व से कहते थे कि उन्होंने 20 एसटी-आरक्षित विधानसभा सीटें जीतकर अपना चुनाव अभियान शुरू किया है लेकिन अब, वे दिन चले गए हैं. आदिवासी अपनी आकांक्षाओं की अनदेखी करने के कारण आपकी पकड़ से बाहर आ गए हैं.
उन्होंने कहा, टीयूजेएस, आईएनपीटी, आईपीएफटी और टिपरा मोथा जैसी जनजातीय पार्टियों का गठन भाजपा या नरेंद्र मोदी को हराने के लिए नहीं किया गया था. वे राज्य से कम्युनिस्टों को उखाड़ फेंकने के लिए अस्तित्व में आए थे क्योंकि उन्होंने 30 वर्षों तक स्वदेशी लोगों को अपने वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया था.
त्रिपुरा के पूर्व सीएम और मौजूदा राज्यसभा सांसद देब ने टिपरा मोथा प्रमुख प्रद्योत देबबर्मा को ‘देशद्रोही’ कहने के लिए सीपीआई (एम) के राज्य सचिव जितेंद्र चौधरी पर भी हमला किया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जहां सीपीआई (एम) केरल में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को हराने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है, वहीं त्रिपुरा में दोनों पार्टियों ने हाथ मिला लिया है.
उन्होंने लोगों से भाजपा को वोट देने और पीएम मोदी के लिए तीसरा कार्यकाल सुनिश्चित करने का आग्रह किया. बता दें कि पिछले साल के विधानसभा चुनाव में 13 सीटें हासिल करके राज्य में प्रमुख विपक्षी दल के रूप में उभरी टिपरा मोथा पिछले महीने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गई है.
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