कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुईं सिंहभूम सीट की प्रत्याशी गीता कोड़ा का आदिवासी ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया. गीता कोड़ा चुनावी जनसंपर्क अभियान के तहत गम्हरिया प्रखंड के मोहनपुर पहुंची थीं. ग्रामीणों ने गीता कोड़ा का विरोध शुरू कर दिया और उन्हें वापस लौट जाने को कहा. बाद में हालात और बिगड़ने लगे और भाजपा कार्यकर्ता और आदिवासियों के बीच झड़प शुरू हो गयी.
इस दौरान आदिवासी ग्रामीणों ने गीता कोड़ा को लगभग 3 घंटों तक घेरे रखा. घटना के बाद जिलाध्यक्ष रश्मि साहू के बयान पर गम्हरिया थाना में 8 नामदज समेत करीब 40 महिला पुरुष पर FIR दर्ज कराया गया है. भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले के मामले में चुनाव आयोग से शिकायत की गई है. आयोग ने जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
क्या है मामला
बता दें कि रविवार को बीजेपी प्रत्याशी गीता कोड़ा चुनावी जनसंपर्क अभियान के तहत गम्हरिया के मोहनपुर गांव पहुंची थीं, जहां पहले से मौजूद बड़ी संख्या में लाठी-डंडे से लैस ग्रामीणों ने गीता कोड़ा समेत बीजेपी कार्यकर्ताओं को गांव में घुसने से रोक दिया. जिससे भाजपा कार्यकर्ता भी उग्र हो गए मारपीट और हाथापाई की नौबत आ गई.
घटना को लेकर मौके पर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा समेत बीजेपी प्रत्याशी गीता कोड़ा ने गम्हरिया थाना पहुंचकर 8 नामजद और 40 अन्य के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज करायी है, जिस पर पुलिस ने कार्रवाई करने की बात कही है.
वहीं मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट करते हुए लिखा, लोकसभा चुनाव में अपनी हार निश्चित देखकर हताशा में झामुमो कार्यकर्ताओं ने प्रचार के दौरान सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी गीता कोड़ा को घेरकर क्षति पहुंचाने का प्रयास किया. हैरानी की बात है कि, मुख्यमंत्री के गृह जिला में रहने के बावजूद प्रशासन सुरक्षा मुहैया नहीं करा पा रहा है.
इधर, मामले को लेकर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रवि कुमार को शिकायत पत्र दिया है, जिसमें जिले के एसपी समेत संबंधित थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गयी है. बीजेपी कार्यकर्ताओं की ओर से दी गई शिकायत में बताया गया है कि एसपी को फोन पर घटना की जानकारी दी गई लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया.
घटना के बाद गीता कोड़ा ने गम्हरिया थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि पूर्व नियोजित कार्यक्रम होने के बावजूद स्थानीय गम्हरिया थाने ने उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं करायी, जिसके कारण यह घटना घटी. उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें योजनाबद्ध तरीके से रोका गया और कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की गयी है.
No Comments yet!