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जादू टोना, डायन और आदिवासी

Posted on September 7, 2023 - 4:22 pm by

अंधविश्वास में डायन प्रथा अब भी आदिवासियों के विकास के बाधक बना हुआ है. इसके नाम पर हर साल कई बच्चे अनाथ हो जाते हैं. इसका प्रकोप सबसे अधिक आदिवासी महिलाओं को झेलना पड़ता है.

29 अगस्त 2023 को मध्यप्रदेश के कटनी जिले के ढीमरखेड़ा में आदिवासी महिला अशोक बाई गौड़ पर जादू टोने का आरोप लगा हत्या करने की कोशिश की गई.

4 सितंबर 2023 को झारखंड के बोकारो जिले के बनचास गांव में डायन होने के शक में एक आदिवासी महिला की हत्या कर दी गई. वहीं, रांची जिले के बुंडु क्षेत्र के दशम फॉल थाना क्षेत्र में इसी तरह का आरोप लगा एक वृद्ध महिला की हत्या कर दी गई.

6 सिंतबर 2023 को राजस्थान के डुंगरपुर जिले में डायन परिक्षण के नाम आदिवासी महिला के दोनों हाथ जला दिए गए.

यह घटनाएं महज कुछ घटनाएं लगती होंगी, लेकिन आंकड़े एकदम भयावह है.

झारखंड पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, झारखंड में डायन के नाम पर हर साल लगभग 40 लोगों की हत्या कर दी जाती है.

NCRB के अनुसार साल 2000 और 2012 के बीच जादू-टोना या डायन के नाम पर 2097 हत्याएं की गई. इनमें से 363 झारखंड से बताए गए थे और इस आंकड़े में 2000 में हुई हत्याएं शामिल नहीं हैं, जब झारखंड बिहार का हिस्सा था.

झारखंड अपराध रिकार्ड के अनुसार वर्ष 2001 से 2013 तक 414 जादू-टोने के नाम पर हत्याएं हुई, इसमें दर्ज मामलों की संख्या 2854 है.

झारखंड के अलावा हरियाणा, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, असम और बिहार आदि राज्यों में इस तरह की हत्या देखने को मिलती है.

साल 2010 में NCRB के अनुसार हरियाणा में 32 फीसदी हत्याएं हुई. साल 2012 में ओडिशा में 26 फीसदी हत्या हुई और 75 फीसदी मामले गैर इरादतन मामले देखने को मिले.

वहीं असम के 27 जिलों में से 16 जिलों में डायन के नाम पर हमले हुए. जिसमें 2002 से अब तक 150 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं.

ये आंकड़े पुलिसिया रिकॉर्ड के आधार पर सामने आये हैं, लेकिन बहुत सी घटनायें सामने नहीं आ पाती है.

क्या है डायन प्रथा

डायन प्रथा, दरअसल वह पुरानी प्रथा है, जिसमें माना जाता रहा है कि लोग बीमार किसी आत्मा के प्रवेश से होते हैं. या किसी प्रेतआत्मा के द्वारा जादू-टोना कर किसी भी व्यक्ति को वश में किया जा सकता है या उनका नुकसान कराया जा सकता है.

क्या है डायन के नाम पर हत्या

निर्दोष लोगों को जादू-टोना या डायन के रूप मे पहले ब्रांडेड किया जाता है. इसके बाद उन्हें अपमानित किया जाता है. फिर उन पर हमला किया जाता है या हत्या तक कर दी जाती है. इस मामले में भी इसी तरह का मामले में देखा गया.

इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कई कानून बनाएं गए हैं. जिनमें Prevention of witch(dayan) Practices act, 1999 (Bihar), Anti-witchcraft act 2001 (Jharkhand), Tonhi Pratadna Bill, 2005 (chhattisgarh), Rajasthan women (prevention and protection from atrocities), 2006 (Rajasthan) शामिल हैं. लेकिन फिर भी यह इसे रोकने पूरी तरह से विफल रही है.

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